5 Easy Facts About upay totka Described
5 Easy Facts About upay totka Described
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महाराणा प्रताप ने शुरू की थी धूणी दर्शन की परंपरा, उदयपुर सिटी पैलेस के हैं अंदर
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
शनिवार को खाने में किसी भी रूप में काला चना अवश्य ले लिया करें।
सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाएं, फिर गौरी-शंकर रुद्राक्ष अर्पित करें। इसके बाद घी, शक्कर, गेहूं के आटे का भोग लगाकर आरती उतारें। साथ ही प्रदोष काल में चावल, दूध, चांदी आदि का दान करें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में खुशी बनी रहती है और सभी कार्य भगवान शिव के आशीर्वाद से पूरे होने लगते हैं।
नियमित तौर पर हनुमान मंदिर में जाएं और हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें.
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बंधन मुक्ति कवच : कभी मनुष्य एकाएक इतनी परेशानियों या तकलीफों में फंस जाता है कि कुछ समझ ही नहीं आता। कई बार इसका कारण होता है कि जातक भूत-प्रेत अथवा नजर, हाय या किसी दुष्ट आत्मा के जाल में फंस जाता है। ऐसी विकट स्थिति में ज्योतिषीय सामग्रियों के धारण या पूजन से अवश्य लाभ मिलता है।
एकादशी और प्रदोष का व्रत रखें : हमेशा ध्यान रखें कि तेरस, चौदस, अमावस्य और पूर्णिमा के दिन अच्छे नहीं होते। सभी ग्रहों के बुरे प्रभाव को रोकने के लिए एकादशी और प्रदोष (त्रयोदशी( का व्रत सबसे उत्तमफलदायी है।
शनि अमावस्या या शनि जयंति पर उड़द की दाल को पिसवाकर उसके दो बड़े बनाएं। शाम को सूर्यास्त के समय इन पर दही और सिंदूर लगाएं। अब इन्हें किसी पीपल के पेड़ के नीचे रखकर पीपल को प्रणाम करें। पीछे मुड़कर देखे बिना घर वापस लौट आएं। रास्ते में किसी से बात भी न करें।
Lal Kitab mein har samasya ke totke aur upay diye hue lekin unko kab aur kaise karna hai ye bahut mahavapurna hai. Is article mein sabhi samasya ke liye lalkitab ke sabhi upay , totka aur sabhi tarah ke totke diye gaye hai.
दूसरे दिन अगर मोमबत्ती पूरी जल गयी है,तो उस जले हुये मोम को वहीं पर लगा रहने दें,और नही जली है तो वैसी ही रहने दें,दूसरी मोमबत्तियों को पहले दिन की तरह से ले लीजिये,और पहले जली हुयी मोमबत्तियों से एक दूसरी के नजदीक लगाकर जलाकर पहले दिन की तरह से वही प्रार्थना करिये,इस तरह से धीरे धीरे मोमबत्तिया एक दूसरे की पास आती चलीं जायेगी,जितनी ही मोमबत्तियां पास आती जायेंगी,धन आने का साधन बनता चला जायेगा,और जैसे ही दोनो मोमबत्तियां आपस में सटकर जलेंगी,धन प्राप्त हो जायेगा। जब धन प्राप्त हो जाये तो पास के किसी धार्मिक स्थान पर या पास की किसी बहती नदी में उस मोमबत्तियों के पिघले मोम को लेजाकर श्रद्धा से रख आइये या बहा दीजिये,जो भी श्रद्धा बने गरीबों को दान कर दीजिये,ध्यान रखिये इस प्रकार से प्राप्त धन को किसी प्रकार के गलत काम click here में मत प्रयोग करिये,अन्यथा दुबारा से धन नही आयेगा।
हनुमान जी को चोला चढ़ाना भी लाभकारी होता है.
फाल्गुन मास: फाल्गुन मास में जन्म लेने वाली स्त्री सर्वगुणसंपन्न, ऐश्वर्यशाली, सुखी और संताति वाली तीर्थ यात्रापर जाने वाली तथा कल्याणकरने वाली होती है।
पीपल के वृक्ष की जड़ में तेल का दीपक जला दें। फिर वापस घर आ जाएँ एवं पीछे मुड़कर न देखें। धन लाभ होगा।